PMEGP Scheme | प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

जय हिन्द दोस्तों, आपका अपना ब्लॉग jobmitan.com मे आप सभी का स्वागत है। आज हम एक महत्वपूर्ण और बहुप्रचलित केंद्र सरकार की हितग्राही मूलक योजना PMEGP Scheme अर्थात प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे मे विस्तार से जानेंगे।

पीएमईजीपी (PMEGP) एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सरकारी योजना है जो भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है और उद्यमिता को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, योग्य उम्मीदवार अपने स्वरोजगार की शुरुआत करने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

स्वरोजगार एक ऐसा माध्यम है जो न केवल व्यक्तिगत आत्म-निर्माण का माध्यम होता है, बल्कि समाज और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। भारत सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से PMEGP Scheme की शुरुआत की है, जो उद्यमिता और उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

PMEGP Scheme

“PMEGP योजना सपनों को साकार करने का माध्यम है”

अगर आप स्व-उद्यम में रुचि रखते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। इस व्यापक गाइड में, आज हम PMEGP Scheme का लाभ कैसे प्राप्त कर सकते है, कैसे हमे PMEGP Loan प्राप्त होगा, कहा से EDP प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे तथा कैसे हमे PMEGP Subsidy प्राप्त होगी आदि योजना से जुड़ी तमाम प्रश्नों का उत्तर और जानकारियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इस लेख के अंत तक आपको इस बात की गहन समझ हो जाएगी कि इस हितग्राही मूलक योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए क्या-क्या करना होगा।

PMEGP Scheme क्या है ?

PMEGP Scheme : भारत सरकार द्वारा 31.03.2008 तक चल रही दो योजनाओं अर्थात् प्रधान मंत्री रोजगार योजना (PMRY) और ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (REGP) का विलय कर 15 अगस्त 2008 को लाल किले से घोषणा कर PMEGP Scheme लॉन्च किया गया।

देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए वित्तीय वर्ष 2008-09 में एमएसएमई मंत्रालय (MoMSME) द्वारा शुरू किया गया एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है।

यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर एकल नोडल एजेंसी के रूप में MSME मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक वैधानिक संगठन, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। राज्य स्तर पर यह योजना KVIC के राज्य कार्यालयों, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (KVIB), जिला उद्योग केंद्रों (DIC) कयर बोर्ड (कयर संबंधी गतिविधियों के लिए) और बैंकों के माध्यम से लागू की जाएगी।

योजना अंतर्गत सरकारी Subsidy खादी और ग्रामोद्योग आयोग KVIC द्वारा नोडल बैंक के माध्यम से वित्तपोषक बैंक शाखाओं को भेजी जाती है और बाद में भौतिक सत्यापन रिपोर्ट के परिणाम के आधार पर लॉक-इन-अवधि (3वर्ष) पूर्ण होने के बाद लाभार्थी/उद्यमियों के खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है। हालाँकि, दिल्ली के मामले में जहां कोई DIC अस्तित्व में नहीं है, यह योजना राज्य कार्यालय KVIC और KVIB द्वारा पूरी दिल्ली में कार्यान्वित की जाती है। 

-: कार्यान्वयी अभिकरण :- 

यह योजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग, मुंबई द्वारा कार्यान्वित की जाएगी, जो खादी और ग्रामोद्योग अधिनियम, 1956 के माध्यम से स्थापित एक सांविधिक निकाय है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग राष्ट्रीय स्तर पर एक नोडल अभिकरण होगा।

नोट :- सब्सिडी क्लेम से पहले EDP प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।

PMEGP Full Form :-

PMEGP का Full form – Prime Minister’s Employment Generation Programme /

PMEGP को हिन्दी में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम कहते है ।

परियोजना लागत | PMEGP Loan Details :- 

1. नए सूक्ष्म उद्यमों (इकाइयों) की स्थापना के लिए – (प्रथम ऋण)

लाभार्थियों की श्रेणी स्व-अंशदान/मार्जिन मनी (परियोजना लागत का) अनुदान / छूट (परियोजना लागत का)
शहरी  ग्रामीण 
सामान्य 10% 15% 25%
ST/SC/OBC/महिला/ अल्पसंख्यक/ भूतपूर्व सैनिक/ आकांक्षी जिलों के सभी श्रेणी/ अन्य 05% 25% 35%

परियोजना लागत :- 

  • विनिर्माण क्षेत्र        – अधिकतम 50 लाख,
  • व्यवसाय/सेवा क्षेत्र – अधिकतम 20 लाख

नोट :-

  1. कुल परियोजना लागत की शेष राशि (स्व-अंशदान को छोड़कर) बैंको द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी।
  2. यदि कुल परियोजना लागत विनिर्माण क्षेत्र में राशि रू. 50 लाख और सेवा/व्यवसाय क्षेत्र में राशि रू. 20 लाख से अधिक है तो शेष राशि बिना किसी सरकारी सब्सिडी के बैंकों द्वारा प्रदान की जायेगी। 

2. मौजूदा PMEGP/PIREGP/मुद्रा इकाइयों के उन्नयन/विस्तार के लिए – (द्वितीय ऋण)

PMEGP लाभार्थियों की श्रेणी अंशदान/मार्जिन मनी (परियोजना लागत का) अनुदान / छूट (परियोजना लागत का)
सभी श्रेणी 10% 15% (पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों मे 20%)

परियोजना लागत :- 

  • विनिर्माण क्षेत्र        – अधिकतम 01 करोड़
  • व्यवसाय/सेवा क्षेत्र – अधिकतम 25 लाख

नोट :-

  1. कुल परियोजना लागत की शेष राशि (स्व-अंशदान को छोड़कर) बैंको द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी।
  2. यदि कुल परियोजना लागत विनिर्माण क्षेत्र में राशि रू. 1.00 करोड़ और सेवा/व्यवसाय क्षेत्र में राशि रू. 25 लाख से अधिक है तो शेष राशि बिना किसी सरकारी सब्सिडी के बैंकों द्वारा प्रदान की जायेगी। 

 

PMEGP Loan Eligibility | लाभार्थी के लिए पात्रता की शर्ते :-

1. नए उद्यमों (इकाइयों) के लिए –

  • 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति ।
  • परियोजनाओ की स्थापना के लिए कोई आय सीमा नहीं होगी।
  • विनिर्माण में 10 लाख और व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में 5 लाख से अधिक लागत वाली परियोजनाएं स्थापित करने वाले लाभार्थी को न्यूनतम आठवीं (8th) कक्षा उत्तीर्ण होने चाहिए।
  • इस योजना अंतर्गत सहायता केवल PMEGP अंतर्गत स्वीकृत नए परियोजनाओं के लिए उपलब्ध है ।
  • वे इकाइयां जो PMRY, REGP या भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना अंतर्गत सब्सिडी का लाभ उठा चुकी हैं, पात्र नहीं है।
  • पूंजी व्यय रहित परियोजनाएं, वित्तपोषण के लिए पात्र नहीं है।
  • जमीन की लागत को परियोजना लागत मे शामिल नहीं किया जाएगा। बने बनाए और पट्टे पर या किराये पर वर्कशेड/ वर्कशॉप लेने की लागत को परियोजना लागत मे शामिल किया जा सकता है लेकिन लागत की गणना अधिकतम 03 वर्ष की अवधि के लिए ही की जावेगी।
  • PMEGP ग्रामोद्योगों की निषिद्ध सूची में निर्दिष्ट गतिविधियों को छोड़कर ग्रामोंउद्योग परियोजनाओं सहित भी नए व्यवहार्य सूक्ष्म उद्यमों पर लागू है।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा नक्सल प्रभावित जिलों और अंडमान व निकोबार द्वीपों में बिक्री आउटलेट के रूप में व्यापार गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।
  • पूरे देश में PMEGP के तहत स्थापित खुदरा बिक्री केंद्रों/ व्यापार प्रतिष्ठानों को केवल ऐसे खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को बेचने की अनुमति होगी जिन्हे KVIC द्वारा प्रमाणित खादी और ग्रामोद्योग संस्थाओं से प्राप्त किया गया हो और वे PMEGP/स्फूर्ति इकाइयों में विनिर्मित किए गए हो ।
  • किसी राज्य में एक वर्ष में वित्तीय आवंटन का अधिकतम 10 प्रतिशत, व्यवसाय/ व्यापार गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • अधिक राशि की सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए परियोजना लागत को बढ़ाकर दिखाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।

नोट :-

  1. एक परिवार से केवल एक व्यक्ति PMEGP Scheme के अंतर्गत परियोजन स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र है। परिवार में स्वयं और पति/पत्नी शामिल हैं। 

2. मौजूदा PMEGP/मुद्रा इकाइयों के उन्नयन/विस्तार के लिए

  • PMEGP के तहत दावा की गई मार्जिन मनी/अनुदान को 03 वर्ष की लॉक इन अवधि पूर्ण होने पर सफलतापूर्वक समायोजित किया गया हो।
  • प्रथम ऋण को नियत समय में सफलतापूर्वक चुकता किया गया हो।
  • इकाई अच्छे कारोबार के साथ लाभ जनित हो तथा तकनीकी के आधुनिकीकरण/ उन्नयन के साथ इसमें कारोबार और लाभ की संभावना मौजूद हो।

PMEGP Scheme अंतर्गत वित्तीय संस्थाएँ :-

  • सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
  • RBI द्वारा विनियमित सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, प्राइवेट सेक्टर शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक
  • भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिड़बी)

PMEGP EDP Training – प्रशिक्षण :-

दोस्तों PMEGP Scheme अंतर्गत लाभार्थियों को सब्सिडी क्लेम से पहले EDP प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होता है। EDP प्रशिक्षण सरकार द्वारा Online माध्यम से घर बैठे निःशुल्क कराई जाती है। EDP प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सरकार की Official Website www.udyami.org.in विजिट कर सकते है। आप सभी कभी ना कभी EDP प्रशिक्षण के बारे में जरूर सुने होंगे और बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी होता है की EDP Training क्या होता है, EDP Full Form या EDP Meaning क्या होता है? हम इस लेख में EDP के बारे में आगे विस्तार से जानेंगे।

प्रशिक्षण बहुत ही मूल्यवान और ज्ञान-वर्धक होता है जो उद्यमियों के लिए अत्यधिक सहायक साबित होंगे, प्रत्येक व्यक्ति को यह प्रशिक्षण प्राप्त करनी ही चाहिए।

EDP

EDP का Full Form Entrepreneurship Development Programme (उद्यमिता विकास कार्यक्रम) है। आवेदक जो उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP)/ कौशल विकास कार्यक्रम (SDP)/ उद्यमिता सह कौशल विकास कार्यक्रम (ESDP) या व्यावसायिक प्रशिक्षण (VT) के अंतर्गत पहले से ही कम से कम 10 दिनों का (Offline) / 60 घंटे का (Online) प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें ऋण स्वीकृति के पश्चात फिर से EDP प्रशिक्षण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है

EDP का उद्देश्य : व्यवसाय को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए वित्त, उत्पादन, विपणन, उद्यम प्रबंधन, बँकिंग औपचारिकताएं, बही खाता, सांविधिक अनुपालन, आदि जैसे विभिन्न प्रबंधकीय और परिचालन से संबंधित जागरूकता प्रदान करना है।

नोट :-

  1. 2 लाख तक की परियोजना लागत वाली परियोजनाओं के लिए EDP प्रशिक्षण अनिवार्य नहीं होगा
  2. 5 लाख तक की परियोजना लागत वाली परियोजनाओं के लिए EDP प्रशिक्षण अवधि कम से कम 5 दिनों की होगी।
  3. 5 लाख से अधिक परियोजना लागत वाली परियोजनाओं के लिए EDP प्रशिक्षण अवधि कम से कम 10 दिनों की होगी।

PMEGP Scheme हेतु रोजगार मानदंड :-

ग्रामीण / शहरी क्षेत्र में स्थित कोई भी उद्योग जिसमें प्रति पूर्णकालिक कारीगर या कामगार, अचल पूंजी निवेश मैदानी क्षेत्रों में रू. 3.00 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों में 4.50 लाख से अधिक नहीं हो, जिसका अर्थ है वर्कशॉप/वर्कशेड, मशीनरी और फर्नीचर पर पूंजी व्यय में परियोजना से सृजित पूर्णकालिक रोजगार में भाग देने पर प्राप्त राशि ।

(PMEGP अंतर्गत अंडमान और निकोबार तथा लक्षयद्वीप में गतिविधियों हेतु प्रति व्यक्ति अधिकतम सीमा को विशेष मामले में बढ़ाकर रू. 4.5 लाख कर दिया गया है।)

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों :-

  1. राज्य/संघ  शासित क्षेत्र के राजस्व अभिलेखों के अनुसार, ग्राम के रूप में वर्गीकृत कोई भी क्षेत्र चाहे उसकी आबादी कितनी भी हो।
  2. पंचायती राज संस्थाओ के अंतर्गत आने वाली सभी क्षेत्रों को उनकी जनसंख्या पर ध्यान दिए बिना ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत गिना जाएगा, जबकि नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों के रूप में माना जाएगा।

PMEGP Loan Documents – आवश्यक दस्तावेज

आवेदन करने से पहले Online अपलोड करने हेतु कुछ आवश्यक दस्तावेज स्कैन कर पीडीएफ़ या jpeg फॉर्मेट में (1mb से कम) रख लेवे जो निम्नानुसार है :- 

  1. पासपोर्ट साइज फोटो
  2. आधार कार्ड
  3. परियोजना प्रतिवेदन (प्रोजेक्ट रिपोर्ट)
  4. जाति प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया (यदि लागू हो तो)
  5. ग्रामीण क्षेत्र हेतु पंचायत का अनापत्ति प्रमाण पत्र (फॉर्मेट Download करें।)
  6. शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र (आठवीं की अंकसूची)
  7. EDP/कौशल विकास प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (यदि पूर्व प्रशिक्षित हो तो)
  8. पैन कार्ड
  9. बैंक पास बुक की छायाप्रति।

PMEGP Scheme 2023 हेतु Online आवेदन कैसे करें :-

PMEGP Scheme अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया पूर्णतः Online हैं। किसी भी प्रकार से मैनुअल आवेदन की अनुमति नहीं दी जायेगी। जैसा की KVIC द्वारा PMEGP पोर्टल विकसित किया गया और संचालित किया जा रहा हैं। योजना के तहत परिभाषित पात्रता मानदंड के अनुसार नई परियोजनाओं और मौजूदा इकाइयों के विस्तार के लिए आवेदन PMEGP पोर्टल में अलग-अलग उपलब्ध है तथा आवेदन उक्त पोर्टल के माध्यम से ही भरे और जमा किए जाएंगे। आवेदन के लिए आवेदक के पास आधार नंबर अनिवार्य है। आवेदन प्रक्रिया आगे बढ़ने से पहले आधार डाटाबेस प्रमाणित किया जाता है। 

How To Apply Online Form ➡
  • PMEGP में ऋण हेतु आवेदन करने के लिए सबसे पहले KVIC की Official Website – www.kviconline.gov.in लॉगिन करें या नीचे दी गई लिंक PMEGP Application For New Unit पर click करें
  • लिंक पर क्लिक करते ही एक सिम्पल सा PMEGP Online Application फॉर्म सामने आएगा जो इस तरह दिखेगा –

PMEGP

  • फॉर्म में दी गई सभी जानकारी आधार कार्ड के अनुसार भरे तथा Mobile No. आधार से लिंक होना चाहिए।
  • कंडीक 03 में दी गई ऑप्शन Sponsoring Agency का चुनाव ध्यान से करें, आपको जिस विभाग से ऋण संबंधी क्रियान्वयन कराना है उनका चुनाव करना होगा। आपका आवेदन उस एजेंसी मे अग्रेषित हो जायेगी । Sponsoring Agency में निम्न options उपलब्ध होंगे – KVIC, KVIB, DIC, COIR BOARD
  • फॉर्म में चाही गई सभी जानकारी एवं बैंक details भरकर सबमिट करें
  • वांछित दस्तावेज अपलोड करें (साइज 1 mb से कम)
  • स्कोर कार्ड तथा EDP की जानकारी भरकर Final सबमिट करें।

नोट :-

  • आवेदक को ऑनलाइन आवेदन पत्र भरकर Save करने पर तुरंत बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर यूजरनेम और पासवर्ड प्राप्त होता है। 
  • आवेदक को पात्रता मानदंडों के अनुसार सभी आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। भरी  गई जानकारी के अनुसार स्व-मूल्यांकन स्कोर जनरेट होगा। सभी चरण पूर्ण कर अंतिम सबमिशन करने पर यूनीक आवेदन आईडी प्राप्त होगा तथा आवेदन इलेक्ट्रानिक रूप से पसंदीदा Sponsoring Agency में अग्रेषित हो जायेगी।
  • आवेदन प्राप्त होने के पांच कार्य दिवसों के भीतर KVIC, राज्य KVIB और DIC और अन्य कार्यान्वयी अभिकारणों के नोडल अधिकारी आवेदक के साथ स्वयं टेलीफोन पर बातचीत करेंगे या व्यक्तिगत बैठक करेंगे और प्रारंभिक जांच के लिए आवेदन की प्राप्ति/स्वीकृति की पुष्टि करेंगे। नोडल अधिकारी आवेदक के साथ परामर्श/क्रास चेकिंग करके आवेदन में सभी आवश्यक सुधार करेंगे और प्रत्येक चरण में आवेदक को प्रारंभिक सहायता भी प्रदान करेंगे। ऋण से संबंधित निर्णय लेने के लिए बैंक को अग्रेषित करने से पूर्व यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रस्तावित गतिविधि योजना दिशा निर्देशों के अनुसार है और गतिविधियों की नकारात्मक सूची के अंतर्गत नहीं आती है। (11.9)

स्कोरिंग मानदंडों के आधार पर आवेदन बैंक प्रेषित किया जाएगा –

परियोजना लागत  बैंक को अग्रेषित करने हेतु न्यूनतम स्कोर 
रू. 10.00 लाख तक 100 में 50
रू. 10.00 लाख से अधिक 100 में 60

पूर्ण/संशोधित आवेदनों को यथाशीघ्र बैंक में अग्रेषित किया जाना चाहिए।

  • जो आवेदन योजना के दिशा निर्देश के अनुरूप नहीं है अथवा आवेदक से परामर्श के बाद भी अपूर्ण है, संबंधित नोडल अधिकारी द्वारा अस्वीकृत का कारण बताते हुए उसे अस्वीकृत किया जावेगा। आवेदक को भी स्वीकृति/अस्वीकृति के कारणों से अवगत कराया जाएगा।
  • बैंक द्वारा 30 दिनों के भीतर स्वीकृति या अस्वीकृति के संबंध में आदेश की प्रति आवेदक एवं संबंधित  एजेंसियों को प्रेषित करेगी। बाँकों द्वारा ऋण जारी करने के पूर्व EDP प्रशिक्षण अनिवार्य है।
  • ऋण स्वीकृति के 30 दिवस के भीतर आवेदक को बैंक में अंशदान, फ़ोटो और आधार सहित EDP प्रमाण पत्र की प्रति जमा करेंगे। EDP प्रमाण पत्र Online अपलोड किया जाएगा।
  • बैंक ऋण की पहली किस्त को या तो पूरा अथवा आंशिक रूप से जारी करेंगे और Online पोर्टल में प्रशिक्षण पश्चात मार्जिन मनी सब्सिडी क्लेम करेंगे।
  • लाभार्थी की ओर से वित्तीय बैंक में मार्जिन मनी (सब्सिडी) प्राप्त होने के बाद 24 घंटे के भीतर लाभार्थी के नाम पर शाखा स्तर पर सावधि जमा राशि (TDR) सब्सिडी रिजर्व फंड (SRF) में तीन वर्ष के लिए रखा जाना चाहिए। इस फंड पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और ना ही लिया जाएगा।
  • यदि किसी भी कारण से, लाभार्थी के नियंत्रण से परे, बैंक का अग्रिम तीन वर्ष से पूर्व “खराब” हो जाता है तो KVIC को मार्जिन मनी (सब्सिडी) वापस की जाएगी। बाद में, किसी भी स्त्रोत से यदि कोई वसूली प्रभावित होती है, तो बैंक द्वारा ऐसी वसूली का उपयोग अपने बकाया देय राशि को समाप्त करने के लिए किया जाएगा।
  • दो अलग अलग बैंकों/ वित्तीय संस्थाओ से वित्त पोषित परियोजनाएं मार्जिन मनी सहायता के लिए पात्र नहीं है।
  • लाभार्थी अपने परियोजना स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार पर निम्न साइन बोर्ड (साईज 4 X 2.5 फीट, रंग हल्का नीला) प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगे –
PMEGP Scheme
PMEGP Scheme

PMEGP Scheme Online शिकायत :-

KVIC मुख्यालय मुंबई द्वारा एक Online शिकायत पोर्टल की व्यवस्था होगी जिसमे शिकायत के 48 घंटे के भीतर शिकायतों पर कार्यवाई करते हुए संबंधित राज्य अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाई हेतु निर्देशित किया जाएगा। (Online शिकायत हेतु नीचे Link पर Click करे पोर्टल खुलेगा लॉगिन करें फिर Grivence में  Add New पर जाए।)

PMEGP Scheme

एक शिकायत प्रकोष्ठ की भी व्यवस्था होगी। यदि आवेदक कार्यान्वयन एजेंसियों की अनुशंस से संतुष्ट नहीं है, तो वह ऐसी अस्वीकृति के लिए महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र या संबंधित राज्य के राज्य निदेशक, KVIC, जो भी वरिष्ठ हो, से शिकायत कर सकता है। CEO KVIC, KVIB और प्रमुख सचिव (उद्योग) संबंधित मामलों के लिए अपीलीय प्राधिकारी होंगे।

 Important Links👇
PMEGP Application For New Unit 👉 Click Here
Registered Applicant Login 👉 Click Here
EMI Calculator for PMEGP Loan 👉 Click Here
Online Application Submission Video Tutorial 👉 Click Here
Detailed Project Report Format 👉 Click Here
Application For Existing Units (2nd Loan) 👉 Click Here
Online EDP Training 👉 Click Here
Aspirational Districts आकांक्षी जिलों की सूची 👉 Click Here
Online शिकायत पोर्टल मुंबई 👉 Click Here

नोट :- For more information contact the concerned office.

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PMEGP Scheme के फायदे :-

  1. यह योजना युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें आत्म-निर्माण का मार्ग प्रदान करती है।
  2. पीएमईजीपी योजना के माध्यम से उद्यमिता को आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे व्यवसाय के विकास को बढ़ावा मिलता है।
  3. इस योजना के माध्यम से नए उद्योगों के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं, जो समाज में नौकरियों की दिशा में मदद करता है।
  4. पीएमईजीपी योजना के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान की जाती है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास होता है।
  5. पीएमईजीपी योजना से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से उत्थान मिलता है, जो समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

PMEGP Scheme अंतर्गत गतिविधियों की नकारात्मक सूची :-

सूक्ष्म उद्यमों/परियोजनाओं/इकाइयों की स्थापना के लिए PMEGP Scheme के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जाएगी –

  1. मांस/मीट (वध करके तैयार किया हुआ) से जुड़ा कोई उद्योग/व्यवसाय अर्थात प्रसंस्करण, डिब्बा बंदी या मांसाहारी खाद्य पदार्थ परोसना, बीड़ी/पान/सिगार/सिगरेट आदि नशीली वस्तुओं का उत्पादन/विनिर्माण और बिक्री, कोई ऐसा होटल या ढाबा या बिक्री केंद्र जहां शराब, कच्चे माल के रूप में तंबाकू तैयार/उत्पादन करना, बिक्री हेतु ताड़ी निकालने की अनुमति नहीं होगी। तथापि, होटल/ढाबों में मांसाहारी भोजन परोसने/बेचने की अनुमति होगी।
  2. पर्यावरण या सामाजिक-आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय सरकार/प्राधिकारियों द्वारा निषिद्ध गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी।
  3. 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलिथीन की थैलियों का विनिर्माण और खाद्य पदार्थों को ले जाने, वितरण करने भंडारण हेतु पुनः चक्रीकृत प्लास्टिक से बने थैले या कंटेनर और कोई ऐसा उत्पाद जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। पॉलिथीन कैरी बैग की मोटाई समय-समय पर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और संशोधन के लिए पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना द्वारा शासित होगी। 
  4. चाय, कॉफी, रबर आदि जैसी फसलों/बागानों की खेती से जुड़े कोई उद्योग/व्यापार, रेशम पालन (ककूनपालन), बागवानी, फूलों की खेती, पशुपालन की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, के अंतर्गत इनके अधीन मूल्यवर्धन की अनुमति होगी। रेशम पालन, बागवानी, फूलों की खेती आदि के संबंध में ऑफ फार्म/फार्म से जुड़ी गतिविधियों को भी अनुमति दी जायेगी।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP Scheme) के अंतर्गत स्थापित किए जा सकने वाले कुछ इकाइयों की सूची :

उद्योग – सीमेंट हालो ब्रिक्स, स्टोन पॉलिशिंग, ईट निर्माण, सीमेंट जाली, फ्लाई एश ब्रिक्स, जींस निर्माण, कॉटन शर्टस निर्माण, कपड़ों पर स्क्रीन प्रिंटिंग, बच्चों के कपड़े निर्माण, छाता निर्माण, कृषि उपकरण, कूलर फेब्रिकेशन, स्टील फर्नीचर, मोटरसाइकिल हेज क्लच गियर, स्टील ट्रेक, पेटी, रोलिंग शर्टस, स्टील बैड, वोल्टेज स्टेबलाइजर्स निर्माण, चार्जिंग टार्च निर्माण, चोक निर्माण।

चावल से मुरमुरा निर्माण, मिनी राइस मिल, बेसन निर्माण, दाल, आयल एक्सपेलर, पॉपकॉर्न, आलू चिप्स, सेवाईया, नमकीन निर्माण, बेकरी, नूडल्स, निर्माण, बैटरी ग्रेट डिस्टिल्ड वॉटर, नेल पॉलिश, हाइपो से चांदी निष्कर्षण, मोमबत्ती, डिस्टेंपर, पेंट, रेड ऑक्साइड, अगरबत्ती, चाक निर्माण, हर्बल शैंपू, अगरबत्ती हेतु बांस तीली, आइस कैंडी, फ़ोटो फ्रेम, जुट बोरे, हवाई चप्पल, गत्ते डिब्बे इत्यादि।

सेवा क्षेत्र – रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनर, हेल्थ क्लब, ऑफसेट प्रेस, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, लॉन्ड्री, सेंटिंग प्लेट सर्विस, टीवी रिपेयरिंग, कंप्यूटर सेंटर, फोटोकॉपिर्स, पैथोलैब, बुक बाइंडिंग, ऑटो सर्विस सेंटर, बैटरी रिचार्जिंग, प्रिंटिंग प्रेस, ब्यूटी पार्लर, टेंट हाउस, रेस्टोरेंट आदि।

परिवहन गतिविधियां जैसे – पर्यटकों या आम जनता के परिवहन के लिए कैब/वैन/नाव/मोटर बोट/ शिकारा आदि की खरीद की अनुमति होगी। परिवहन गतिविधियों के तहत वित्त पोषित परियोजनाओं की सीमा पर 10 प्रतिशत की उच्चतम सीमा तक प्रभार सरकार द्वारा घोषित निर्दिष्ट क्षेत्रों को छोड़कर सभी क्षेत्रों मे प्रभारित की जायेगी।

PMEGP Scheme में पशुपालन से जुड़े निम्नलिखित उद्योगों/व्यवसायों को भी अनुमति दी जायेगी –

  • डेयरी – दूध और अन्य डेयरी उत्पाद मुख्य रूप से गायों के माध्यम से, लेकिन भेड़, बकरी, ऊंट, भैंस, घोड़े और गधे के माध्यम से भी। 
  • मुर्गीपालन – मुर्गीपालन, जो उनके अंडे और उनके मांस के लिए रखे जाते है, उनमें मुर्गियाँ, टर्की, गीज, और बत्तख शामिल है। 
  • जलीय कृषि – यह मछली, मोलस्क, क्रस्टेशियन्स और जलीय पौधों सहित जलीय जीवों की खेती है। 
  • कीट – मधु मक्खी, रेशम उत्पादन आदि सहित । 

(एक विशेष मामले के रूप में सुअर पालन, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में आजीविका का एक प्रमुख स्त्रोत है, को भी केवल पूर्वोत्तर राज्यों में ही अनुमति दी जायेगी।)

(ऊपर उल्लेखित सूची में जो अंकित नहीं है वह भी स्थापित किया जा सकता है नकारात्मक सूची को छोड़कर)

निष्कर्ष –

हम आशा करते है की इस लेख के माध्यम से आपको PMEGP Scheme क्या होता है, किसे कहते है, क्या फायदे है, योजना का कैसे लाभ प्राप्त करें आदि के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। आशा है यह लेख आपके लिए सहायक हो। PMEGP Scheme एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जो समाज में स्वरोजगार के माध्यम से आत्म निर्भरता को बढ़ावा देती है जो देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। अगर मन मे कोई सवाल हो तो हमे कमेन्ट कर के पूछ सकते है। धन्यवाद

FAQs

Ques – KVIC full form ?

Ans. – KVIC का Full Form Khadi and Village Industries Commission / खादी और ग्रामोद्योग आयोग

Ques – MoMSME full form ?

Ans. – Ministry of Micro, small & Medium Enterprises (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय)

Ques – ब्याज की दरें एवं ऋण चुकौती अवधि ?

Ans. – योजनान्तर्गत ब्याज सामान्य दर पर तथा ऋण अदायगी अवधि न्यूनतम 03 वर्ष और अधिकतम 07 वर्ष होगी।

Ques – क्या PMEGP लोन स्वीकृत्ति कराना बहुत कठिन है ?

Ans. – नहीं कठिन नहीं है, अगर आप पात्र और योग्य है आपकी प्रोजेक्ट सही और बैंक को समझा पाने में सफल है तो आसानी से लोन स्वीकृत हो जाती है ।

Ques – क्या PMEGP  लोन प्राप्त करने में बहुत खर्चा आता है या फ्री है ?

Ans. – लोन की पूरी प्रक्रिया और सरकारी कार्य प्रणाली निःशुल्क है अगर आप सही है तो आपको किसी को भी एक रुपया देने की जरूरत नहीं है। आप स्वयं घर बैठे फॉर्म भर सकते है सभी प्रक्रिया Online है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट का नमूना भी सरकार द्वारा निःशुल्क जारी किया गया है। किसी भी दलाल और एजेंट से दूर रहे सीधे विभागीय कार्यालय में संपर्क करें। सरकारी संस्थान द्वारा किसी भी प्रकार का एजेंट नियुक्त नहीं किया गया है।

Ques – सरकारी विभाग द्वारा अगर PMEGP लोन का आवेदन बैंक ना भेजे तो क्या करें ?

Ans. – अगर आपका आवेदन सही है तथा आपके द्वारा सही तरीके से दस्तावेज अपलोड किया गया है फिर भी किसी सरकारी एजेंसी द्वारा आपका लोन आवेदन बैंक नहीं भेजा जा रहा या आनाकानी कर रहा तो आप सीधे नोडल कार्यालय प्रमुख, जिले का कलेक्टर या Online पोर्टल के माध्यम से सीधे खादी और ग्रामोद्योग आयोग, मुंबई शिकायत कर सकते है।

Ques – बैंक द्वारा लोन स्वीकृत ना करें या बार बार घुमाये तो क्या करें ?

Ans. – अगर आपका आवेदन सही है और नोडल विभाग द्वारा अभिमत उपरांत आवेदन Online माध्यम से बैंक प्रेषित कर दिया गया है तथा बैंक द्वारा मांगे जाने वाली सभी आवश्यक दस्तावेज आपने जमा कर दिया है तो बैंक आपको घूमा नहीं सकता। उन्हे यथाशीघ्र लोन के संबंध मे स्वीकृति या अस्वीकृति के संबंध मे कार्यवाही करना होगा।

फिर भी अगर कोई बैंक जानबूझकर गुमराह कर रहा तो आप सीधे मार्गदर्शी बैंक, नोडल कार्यालय प्रमुख, जिले का कलेक्टर या Online पोर्टल के माध्यम से सीधे खादी और ग्रामोद्योग आयोग, मुंबई शिकायत कर सकते है।

यदि आपको कुछ पूंछना हो तो नीचे👇कमेन्ट करे, धन्यवाद ✍️

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4 thoughts on “PMEGP Scheme | प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम”

  1. कोई कोई बैंक बोलते हैं कि हमने तीन पीएमईजीपी का लोन दे दिया है हमारा टारगेट पूरा हो गया है इसमें बाकी आवेदक क्या करें

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    • महोदय, अगर आपका प्रोजेक्ट सही है और आपने नियमों का पालन करते हुए आवश्यक दस्तावेजों सहित नियमानुसार आवेदन किया है तो बैंक टारगेट का बहाना नहीं बना सकती। PMEGP योजना में टारगेट से अधिक लोन नहीं स्वीकृत करना है ऐसा कोई नियम नहीं है। विभाग द्वारा टारगेट न्यूनतम पूर्ति के लिए दिया जाता है ताकि कम से कम इतना आपको करना ही है इससे कम नहीं। अधिकतम का कोई बंधन नहीं है। अगर आपका प्रकरण सही है तो आप नियमानुसार वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर सकते है।

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